23 मार्च एक ऐसा महत्वपूर्ण दिन है जिसे ‘शहीदों का दिवस’ या ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। यह दिन उन वीर सपूतों की याद में समर्पित है जिन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपनी जानें कुर्बान कर दी थी
23 मार्च 1931 23 मार्च को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?को अंग्रेज की सरकार ने भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के खिलाफ एक क्रूर हत्याकांड किया था। इस दिन भारत के छे हीरो, भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर के एक जेल में फांसी दी गई थी। इस हत्याकांड में भारतीय स्वतंत्रता सेना के इन महान सपूतों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और उनकी मृत्यु ने देश को एक नया जोश और उत्साह दिया।
यह दिन भारतीय इतिहास के एक ऐसे पन्ने को संजोकर रखता है जिसमें वीरता, बलिदान और देशभक्ति की महानता स्पष्ट दिखती है। इस दिन को याद कर भारतीय लोग अपने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके बलिदान को सराहते हैं।
शहीद दिवस पर स्कूल, कॉलेज और सरकारी दफ्तरों में समारोह आयोजित किए जाते हैं जिसमें विभिन्न कार्यक्रम होते हैं। विद्यालयों में छात्रों को वीर शहीदों के बारे में जानकारी दी जाती है ताकि वे उनके बलिदान को समझ सकें और देश के प्रति अपने कर्तव्य को समझें।
शहीद दिवस के इस महान अवसर पर हम सभी को अपने वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए। हमें उनके बलिदान को सराहना करनी चाहिए और उनकी सपूतियों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया और देश के लिए अपनी जान दी।
इस शहीद दिवस पर हमें यह सोचना चाहिए कि हमें अपने देश के प्रति क्या कर्तव्य हैं और कैसे हम भी अपने देश के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर सकते हैं। यह दिन हमें उन वीर सपूतों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें आज़ाद भारत का सपना दिलाया।
इसलिए, इस शहीद दिवस पर हम सभी को निश्चित उत्साह और संकल्प के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लेना चाहिए। हमें यह याद रखना चाहिए कि हमारे देश की स्वतंत्रता की कीमत क्या थी और उसे हमें सुरक्षित और समृद्ध बनाए रखने का जिम्मेदारी हम सभी का है।
शहीद दिवस के इस अवसर पर हमें यह समझना चाहिए कि हमें एक एक वीर सपूत की बलिदानी जीवन को समर्पित करना चाहिए। हमें देश के लिए सेवा करने का संकल्प लेना चाहिए और सभी अधिकारों और कर्तव्यों का सही उपयोग करना चाहिए।
इस दिन को याद करते हुए हमें भारत के इतिहास के उन शूरवीरों का सम्मान करना चाहिए जिन्होंने अपने देश के लिए सब कुछ त्याग दिया था। उनकी बलिदानी भावना और देशभक्ति हमें हर समय प्रेरित करती रहनी चाहिए।
इस शहीद दिवस पर हम सभी को एक मजबूत संकल्प लेना चाहिए कि हम भारत माता की सेवा में हर समय तैयार रहेंगे। हमें देश के विकास और समृद्धि में योगदान देने के लिए तत्पर रहना चाहिए और शहीदों के बलिदान को समर्पित करने का संकल्प लेना चाहिए।इस महान दिन पर हम सभी को एकजुट होकर देश के लिए काम करने का प्रेरणा स्त्रोत बनना चाहिए और उन वीर सपूतों को याद करना चाहिए जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति देकर हमें स्वतंत भारत की शान और समृद्धि की दी है।
इसलिए, 23 मार्च को शहीद दिवस के रूप में मनाना हमारा कर्तव्य है। इस दिन को एक माननीय और गर्व की भावना के साथ याद करें और उन वीर सपूतों के प्रेरणास्त्रोत बनकर देश के विकास में योगदान दें।
जय हिंद! जय भारत! शहीदों को शत्-शत् नमन!
