क्या है अनुच्छेद 370 का इतिहास 2024 में किस तरह से फायदा होगा भाजपा को अनुच्छेद 370 हटाने का
आईए जानते हैं क्या है अनुच्छेद 370 !2024 के लोकसभा इलेक्शन में बीजेपी को कितना फायदा होगा अनुच्छेद 370 को हटाने का जम्मू कश्मीर से!
आलोचना के क्षेत्र में भारतीय राजनीति का एक महत्वपूर्ण और विवादास्पद विषय है ‘धारा 370 और 35A’. ये दोनों धाराएं जम्मू-कश्मीर के संबंध में महत्वपूर्ण हैं और उन्हें लेकर राजनीतिक वितर्क चलता रहता है। इन धाराओं की स्थिति और प्रभाव को समझने के लिए हमें इनके इतिहास को समझने की आवश्यकता है।
धारा 370 का इतिहास:
भारत के संविधान को बनाने के समय, जम्मू-कश्मीर को विशेष स्थान प्रदान किया गया था। इस समय, राजा हरी सिंह ने धारा 370 को स्वीकार किया, जिससे जम्मू-कश्मीर को स्वतंत्रता के कुछ विशेष अधिकार प्राप्त हुए। इस धारा के अनुसार, जम्मू-कश्मीर के निवासियों को भारतीय संविधान के अनुसार कुछ विशेष विधियां और प्रावधानों का लाभ नहीं मिलता था।
धारा 35A का इतिहास:
धारा 35A को 1954 में संशोधित किया गया था। इस धारा के अंतर्गत, जम्मू-कश्मीर में निवास करने वाले अन्य राज्यों के नागरिकों को कुछ विशेष अधिकार नहीं मिलते थे। इसके अलावा, यह धारा भूमि-अराजकता की रक्षा करती है और जम्मू-कश्मीर में स्थानीय लोगों को किसी अन्य राज्य की भूमि को खरीदने और बिक्री करने से रोकती है।
धारा 370 और 35A के प्रभाव:
धारा 370 और 35A के प्रावधानों के कारण, जम्मू-कश्मीर के नागरिकों को भारतीय संविधान के कुछ क्षेत्रों में नहीं लागू किया जाता है। इससे वहां की राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था में विशेषता बनी रहती है।
इन धाराओं के बारे में विवाद:
धारा 370 और 35A के प्रावधानों पर विवाद सदैव चला आया है। कई लोग इन्हें असमानता का कारण मानते हैं, जबकि कुछ इन्हें राष्ट्रीय एकता की हानि समझते हैं। वे इसे भारतीय संविधान के साथ असंगत मानते हैं और इन्हें समाप्त करने की मांग करते हैं।
धारा 370 और 35A का समापन:
2019 में, भारतीय संसद ने धारा 370 को और धारा 35A को रद्द किया। इससे जम्मू-कश्मीर को भारत के अन्य राज्यों के समान अधिकार मिलने लगे। इसके
साथ ही, जम्मू-कश्मीर में सामान्य भारतीय नागरिकों के लिए वहां पर धारा 370 और 35A के प्रावधानों का समापन भी अहम हुआ। अब जम्मू-कश्मीर में समान अधिकार और संविधानिक स्थिति हो गई है, जिससे देश की एकता और एक समान नागरिकता के मूल्यों को प्रमोट किया गया है।
धारा 370 और 35A के समापन के बाद, जम्मू-कश्मीर में विकास की गति में भी सुधार हुआ है। अब वहां पर नई और संवैधानिक सुविधाओं का लाभ सभी नागरिकों को मिल रहा है। साथ ही, राज्य को विकास के लिए नई दिशाएं मिल रही हैं और उसका सामाजिक-आर्थिक विकास तेजी से हो रहा है।
धारा 370 और 35A के समापन से जम्मू-कश्मीर में विवादों का समाधान भी हुआ है और देश के साथ ही वहां के लोगों का भी विकास होने का मार्ग खुल गया है। इससे राष्ट्रीय एकता और विकास को मजबूती से बढ़ावा मिला है और भारतीय संविधान के तत्वों को सभी क्षेत्रों में समान रूप से लागू किया गया है।
धारा 370 और 35A के समापन से जम्मू-कश्मीर की राजनीति, समाज और अर्थव्यवस्था में नई दिशा मिली है। इससे यहां के लोगों का भी भरोसा और विश्वास मजबूत हुआ है कि वे अब देश के बाकी हिस्सों की तरह ही विकास का हिस्सा बन सकते हैं। इससे जम्मू-कश्मीर का भविष्य और विकासी दिशा में एक नई क्रांति आई है।
भारतीय राजनीति में धारा 370 को रद्द करने का फायदा भाजपा को चुनाव में कई तरह से हो सकता है:
1. राष्ट्रीय एकता का समर्थन: धारा 370 के समापन से, भाजपा राष्ट्रीय एकता के पक्ष में प्रतिष्ठा बढ़ा सकती है, जिससे वह चुनाव में वोटरों के आत्मविश्वास को प्राप्त कर सकती है।
2. विकास की दिशा में प्रस्ताव: धारा 370 के रद्द होने से जम्मू-कश्मीर में विकास के नए माध्यम खुल जाएंगे, जिससे भाजपा को उसके प्रति लोगों के आश्वासन मिल सकते हैं।
3. निर्दलीय वोटरों का समर्थन: धारा 370 के रद्द होने से, भाजपा को निर्दलीय वोटरों का समर्थन प्राप्त हो सकता है जो इस निर्णय को राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानते हैं।
4. राष्ट्रीय स्वाभिमान: धारा 370 के समापन से, भाजपा राष्ट्रीय स्वाभिमान को मजबूत कर सकती है और देश की अखंडता और सामरिक समानता के मूल्यों के समर्थन में लोगों को प्रेरित कर सकती है।
इन सभी कारणों से, धारा 370 के समापन से भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में नई ऊर्जा और समर्थन प्राप्त हो सकता है।
अगला कारण यह हो सकता है कि भाजपा को धारा 370 के समापन से 2024 के लोकसभा चुनाव में फायदा हो, वह है:
5. सुरक्षा और आतंकवाद का मुद्दा: धारा 370 के समापन से जम्मू-कश्मीर में समर्थन बढ़ सकता है जो देश की आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में विश्वास रखते हैं। भाजपा इस मुद्दे पर विशेष ध्यान देकर अपने प्रचार और प्रचार को संगठित कर सकती है और इसका फायदा चुनाव में प्राप्त कर सकती है।
6. राज्यों के नागरिकों का समर्थन: धारा 370 के समापन से भाजपा को अन्य राज्यों के नागरिकों का समर्थन प्राप्त हो सकता है जो इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता का प्रमाण मानते हैं। यह भाजपा को विभिन्न राज्यों में अधिक समर्थन प्राप्त करने में मदद कर सकता है और उसे चुनाव में बूस्ट देने में सक्षम बना सकता है।
इन सभी कारणों से, धारा 370 के समापन से भाजपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में नई समर्थन और विकास की दिशा में फायदा हो सकता है।





