Kanyakumari प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतिम चरण के मतदान से पहले कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान
Kanyakumari:एक जून को होने वाले अंतिम चरण के मतदान से पहले पीएम मोदी कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल पर ध्यान कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी 30 मई की रात कन्याकुमारी पहुंचेंगे।इसके बाद वे विवेकानंद रॉक मेमोरियल जा सकते हैं। दिन-रात ध्यान करेंगे, जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था।
31 मई को पूरे दिन वे रॉक मेमोरियल पर ध्यान कर सकते हैं।
भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी में स्थान चुनने का मोदी का निर्णय देश के लिए विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

राष्ट्रीय एकता का संदेश देने का प्रयास
प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता के लिए एक संदेश देना चाहते हैं। यह पहली बार नहीं है, जब चुनाव अभियानों की समाप्ति के बाद पीएम मोदी आध्यात्मिक यात्रा पर निकल जाते हैं। 2019 में वे इसी तरह केदारनाथ गए थे और 2014 में वीर छत्रपति शिवाजी के प्रतापगढ़ पहुंचे थे।
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एक जून को अंतिम चरण का मतदान
एक जून को लोक सभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान होना है। इससे पहले 30 मई गुरुवार को पीएम मोदी सुबह 11 बजे पंजाब के होशियारपुर में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे। उसके बाद उनका तमिलनाडु जाने का कार्यक्रम है जहां वे रात्रि विश्राम करेंगे। पीएम के आधिकारिक कार्यक्रम में 31 मई और एक जून का कार्यक्रम अभी जारी नहीं किया गया है। गौरतलब है कि 2019 लोक सभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के समय पीएम मोदी केदारनाथ गए थे जहां उन्होंने रुद्र गुफा में ध्यान किया था।
शिव-पार्वती से जुड़ी मान्यता
एक भाजपा नेता ने कहा कि उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस स्थान को पवित्र ग्रंथों में भगवान शिव के लिए देवी पार्वती के ध्यान के स्थल के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थान भारत का सबसे दक्षिणी छोर है।

2019 में पहुंचे थे केदारनाथ
चुनाव प्रचार खत्म करने के बाद प्रधानमंत्री अक्सर आध्यात्मिक यात्राओं पर निकल जाते हैं। 2019 में उन्होंने केदारनाथ का दौरा किया और 2014 में वह शिवाजी के प्रतापगढ़ गए थे इस बार वह कन्याकुमारी जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं।
राष्ट्रपति मुर्मु भी यहां आ चुकीं
पिछले साल मार्च में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने भी विवेकानंद रॉक मेमोरियल का दौरा किया था। वे उस समय केरल, लक्ष्यद्वीप और तमिलनाडु के छह दिवसीय दौरे पर थीं। उन्होंने इस दौरे को एक यादगार अनुभव बताया था।
कन्याकुमारी का स्वामी विवेकानन्द से क्या संबंध है?
कन्याकुमारी वह स्थान है जहां स्वामी विवेकानन्द को भारत माता के दर्शन हुए, जिसका उनके जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ा। कई लोगों का मानना है कि गौतम बुद्ध के सारनाथ के समान यह चट्टान स्वामी विवेकानन्द के जीवन में विशेष महत्व रखती है।
स्वामी विवेकानंद ने इस स्थान पर तीन दिनों तक ध्यान किया था, जिसे अब ध्यान मंडपम के नाम से जाना जाता है।
यह स्थान न केवल ऐतिहासिक है बल्कि हिंदू पौराणिक कथाओं में भी इसका महत्व है। ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव की प्रतीक्षा करते हुए इस स्थान पर ध्यान लगाया था।

कन्याकुमारी भारत के सबसे दक्षिणी सिरे को चिह्नित करता है और देश की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाओं के मिलन बिंदु के रूप में कार्य करता है। भारत के भूगोल के लिए भी अनुपम है वह स्थान जिस स्थान पर विवेकानंद रॉक है, वह भारत की मुख्य भूमि का दक्षिणतम छोर है। इसी स्थान पर भारत की पूर्वी और पश्चिमी तट रेखाएं भी मिलती हैं। यही वह स्थान है, जहां हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की भी जुगलबंदी होती है।
इसके अलावा यह वह जगह है जहां हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर मिलते हैं, जो इसे एक अद्वितीय भौगोलिक स्थान बनाता है।





